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    अटल टिंकरिंग लैब

    अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) पहल भारत सरकार द्वारा अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) के तहत शुरू किया गया एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य देश भर के स्कूलों में छात्रों के बीच नवाचार, रचनात्मकता और समस्या-समाधान की संस्कृति विकसित करना है। व्यावहारिक सीखने का माहौल प्रदान करके, एटीएल छात्रों को प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग अवधारणाओं का पता लगाने और प्रयोग करने का अधिकार देता है।

    1. नवाचार को प्रोत्साहित करना: एटीएल छात्रों को नवाचार और उद्यमिता की दिशा में मानसिकता को बढ़ावा देते हुए आलोचनात्मक और रचनात्मक रूप से सोचने के लिए प्रोत्साहित करता है।

    2. हाथों से सीखना: प्रयोगशाला छात्रों को उनके व्यावहारिक कौशल को बढ़ाते हुए, उपकरणों, उपकरणों और सामग्रियों का उपयोग करके वास्तविक दुनिया की समस्याओं पर काम करने का अवसर प्रदान करती है।

    3. कौशल विकास: कार्यक्रम रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रोग्रामिंग जैसे क्षेत्रों में टीम वर्क, संचार और तकनीकी दक्षता जैसे प्रमुख कौशल विकसित करने पर केंद्रित है।

    4. युवा प्रतिभा का पोषण: एटीएल का लक्ष्य ऐसे युवा नवप्रवर्तकों की पहचान करना और उनका पोषण करना है जो देश की तकनीकी उन्नति और आर्थिक विकास में योगदान दे सकते हैं।

    5. बुनियादी ढाँचा: एटीएल छात्रों को टिंकरिंग और प्रयोग में संलग्न होने के लिए उपकरण, उपकरण और संसाधनों सहित आवश्यक बुनियादी ढाँचा प्रदान करता है।

    6. पाठ्यचर्या एकीकरण: प्रयोगशालाएँ स्कूलों को अपने मौजूदा पाठ्यक्रम में नवीन प्रथाओं को एकीकृत करने, अंतःविषय शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

    7. मेंटरशिप और समर्थन: स्कूलों को अपने प्रोजेक्ट और विचारों में छात्रों का मार्गदर्शन करने के लिए शिक्षा जगत और उद्योग जगत से मेंटर्स को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

    8. सहयोग और प्रतियोगिताएं: एटीएल समूह परियोजनाओं के माध्यम से छात्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है और नवीन विचारों और समाधानों को प्रदर्शित करने के लिए प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है।

    वर्तमान में पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय डोगरा लाइन्स मेरठ कैंट के पास कोई अटल टिंकरिंग लैब नहीं है।